१-
मेरे रोज़ के रस्ते पर
एक आम का पेड़ पड़ता है
न तो ऊँचा है न चौड़ा ही
कमज़ोर सा मालूम पड़ता है
पीछे से लोग भी
तरह तरह की बातें करते है
" कम्बख़त बाँझ है
बस जगह घेरे खड़ा है
किसी ने एक बौर तक न देखी
आजतक । चलो कटवा देते है "
पर ये क्या ? ये कैसे हुआ !!
शाख़ की दरार से इसकी
एक नन्हा पीपल जन्मा है
और कहते है ..
पीपल में कृष्ण का वास होता है।
एक आम का पेड़ पड़ता है
न तो ऊँचा है न चौड़ा ही
कमज़ोर सा मालूम पड़ता है
पीछे से लोग भी
तरह तरह की बातें करते है
" कम्बख़त बाँझ है
बस जगह घेरे खड़ा है
किसी ने एक बौर तक न देखी
आजतक । चलो कटवा देते है "
पर ये क्या ? ये कैसे हुआ !!
शाख़ की दरार से इसकी
एक नन्हा पीपल जन्मा है
और कहते है ..
पीपल में कृष्ण का वास होता है।
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