Search This Blog

Monday, 13 June 2016

1- 
रोते मत रहना
वही खड़े होकर
मैँ वहाँ नहीं हूँ
दफ़न नहीं रहूंगी देर तक
हवा हूँ उड़ जाऊँगी
बरफ़ के पहाड़ों पर जाकर बैठूंगी
मन हुआ तो फिर और ऊपर
बादलों के साथ परिन्दों के साथ
उड़ती रहूँगी रात तक
तारा बन जाऊँगी
देख लेना तुम
रोना मत बस
वहीँ खड़े रहना
वहाँ नहीं हूँ
मैं मरी नहीं हूँ।
2- 

बड़े चुपके से कहा था उसनें   
कानों में मेरे .. बनाया था जब
“ तेरा है ये सब ... सब तेरा है
करीब है तू बहुत मेरे दिल के
ख़ास है .. सबसे ख़ास
बनाया तुझे सबसे प्यार से “
बस तबसे मैं ऐसी ही हूँ
सीधी नहीं चलती कभी
ये पाँव उड़ते है सदा
चाँद संग संग चलता है मेरे
सूरज हर रोज़ जगाता है
ज़मीन ये दरख़्त ये कोह ये काह
बस मेरे हैं सब मेरे बस
यकीन तो पूरा है उसपर
फिर शक क्यों होता है अक्सर
कहीं ये बात उसने
सबके कानों में तो नहीं कह दी ....


No comments:

Post a Comment