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Monday, 13 June 2016

1- Tress my first love ..
ये गुस्सा नहीं करते कभी !
दुखी नहीं होते ! ख़ुश भी नहीं होते !
बस शांत होते हैं , शांत बस
और आंधियाँ जब चलती हैं
तो उड़ते हैं तिरछा होकर
बरसातों में चुपचाप भीगा करते हैं
धूप तेज़ हो , तो सूख तक जाते हैं
पाला मार जाता है , कड़ाके की सर्दी में इन्हें
पर बगैर किसी उफ़ के ! सब जी लेते हैं
ख़ुदा की दी हर चीज़ से मोहब्बत करते हैं
मैं विस्मय से भर जाती हूँ , देखकर इन पेड़ों को
शोर जो मेरे भीतर है , शांत सब हो जाता है
और जी करता है कि श्रुति होती मैं भी काश
कोई पेड़ ही होती ... कोई भी !

2- अलका 
बच्चों को गाँव छोड़कर
घर पर काम करती है मेरे  
अपनी तस्वीर देख कर बोली
“ बहुत अच्छी आ गई ये फोटो 
एक भी नहीं मेरे पास मेरी
मोबाइल से निकालकर दे दीजिये
हम धुलवा लेंगे ..
बेटा जब बड़ा हो जाएगा
और याद करेगा हमें
जाने के बाद 
बोलेगा ज़रूर देखकर फोटो
देखो यही मेरी मम्मी थीं “ 

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