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Tuesday, 15 October 2013

बहुत शांत मन


आज मन शांत है
बहुत शांत...
ख़ुशी भी कैसे कैसे
भेस बदल कर आती है
नाचने को दिल करता
कभी बस झूमने को
गाने को बजाने को
सुनने को सुनाने को
हँसने को तो कभी शोर करने को
पर आज ..
शोर है उमंग तरंग कोई
आँख बन्द करके बैठने को दिल करता
आज मन शांत है
शांत बस
बस शांत



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