हुआ
कुछ यूं कि , पूँछा किसी ने एक बार
खबर
है कुछ ,कैसा होता है प्यार ?
जवाब
असंभव
की यात्रा , समुन्दर अपार
रेशम
का धागा , तलवार की धार
कान्हा
सा कोमल, शिव सा विकराल
समय
से परे है , कालो का काल
ज़बानों
की ज़बान , बेज़ुबानी में बयान
इल्मों
का इल्म , हुनर का जाल
सूफ़ियों
की मस्ती , मस्तानो की चाल
बादशाहों
सी रौनक ,फकीरों सा हाल
और
दिलों
की जंग , नज़रों का वार
हुकूमत
जस्बातों की , दिमाग़ लाचार
जैसी
तेरी सीरत , वैसा तेरा यार
जितनी
तुझमे शिद्दत , उतना बरसे प्यार
और
रक्स
है , नशा है
करने
से कब हुआ है
उसका
ये इशारा
तू
उसका हुआ है
वो
तेरा हुआ है
तू
उसका हुआ है
श्रुति त्रिवेदी सिंह
are vah .effects of febuary..........so nice
ReplyDeleteBeautiful poem Shruti....apart from your thoughts I love your command over language...such rich words you use...amazing...but my questions on love still remains ...so keep writing more and more....Good Luck
ReplyDeleteकथा से, गद्य से
ReplyDeleteकविता से, पद्य से
दोहे से, छंद से
चौपाई से, निबंध से
तुमने समझाया क्या है प्यार......
और.....
तर्क में, ज़ज्बात में
यथार्थ में, खयालात में
ज़र्रे में, कायनात में
स्पर्श में, आघात में
तन्हाई में, साथ में
रौशनी में, रात में
तुम्हारी हर एक बात में
मैंने पाया क्या है प्यार....
और.......
हर युग में, हर काल में
लम्हो में, साल में
निरंतर कभी, कभी अंतराल में
हर अवस्था, हर हाल में
तुमने रटाया क्या है प्यार.....
पर फिर भी
समय की धार
जो करती वार
उल्फत होती तार तार
हालातो से हो लाचार
मैं भूलता हूँ बारम्बार
कि क्या है प्यार??
कि क्या है प्यार??
thankyou bhaiya...
ReplyDeletehar kavita par ek kavita likha karo tum ...bhiyaa
ReplyDeletebhaiya vali bi jabardast hai...........
ReplyDeleteAgain a good one !! :)
ReplyDeletebahot khoobsoorati se shabdon ko sajaya hai apne...m speechless....
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