Take care ....
ख़राश
हो गर ज़रा सी भी
मै
ग़रारे तुरंत कर लेता हूँ
बे-वक़्त
का सोना जागना
लाज़िम
नहीं मेरे लिए
कमीज़
पहनता हूँ तो स्त्री करके
काटता
हूँ नाखून हर दो दिन में
साग़
सब्ज़ियां लेता हूँ
चिकना
छोड़ दिया मैंने
अच्छा
सोचता हूँ
अच्छा
बोलता हूँ
अच्छा
ही होना चाहता हूँ
और
चलता हूँ रोड़ पर
पूरे
अहतियात से
पहले
नहीं था ऐसा मै
वो
मिली थी ना
जब
आखिरी बार ...
कहा
था उसने ...
बड़ा
ज़ोर देकर
“
अपना ध्यान रखना “