बस्ता खाली कर दिया
कंधे हल्के , वज़न बहुत था
निशां भी मिटा दिए
हर कहीं से , हर चीज़ के
सिहरन कंपन और जुंबिश
समझा दिया इन्हें भी
करीब मत आना
मै थी ज़रूर
पर अब नहीं
मिलने चली हूँ
उससे मै , अकेले में
मौत “ पाकीज़ा ” है बहुत
दाग धब्बे उसे पसंद नहीं
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Speechless!!!...getting rid of each & every thing which is related to the materialistic world & enjoy d beautiful feeling..(Rest In Peace)...ahhhh!!!
ReplyDeleteबस्ता खाली कर दिया
ReplyDeleteकंधे हो गए हल्के
उफ्फ्फ वज़न बहुत था
निशां भी मिटा दिए
हर कहीं से , हर चीज़ के
सिहरन/ कंपन/ जुंबिश
समझा दिया इन्हें भी--------
करीब मत आना
पहले थी जैसी
अब नहीं रही वैसी
मिलने चली हूँ
उससे मै , अकेले में
मौत “ पाकीज़ा ” है बहुत
दाग धब्बे कहाँ पसंद उसे ?
Thank you..Ratinaath Ji..
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