Search This Blog

Wednesday 27 November 2013

तुम हो ...

तुम हो ...
मै जानती हूँ
मेरे आस पास हो, ये भी खबर है
दिख जाते हो ना , यहाँ वहाँ कभी कभी
मिलने वाले होते हो जब भी कहीं
पहले से पहचान लेती हूँ तुम्हे
सब कहीं हो , सब जगह
जानती हूँ मै अच्छे से
जब कोई पास नहीं होता ,
तब तुम हमेशा होते हो
भीड़ में भी तो आओ ना कभी

लोग मुझे पागल समझते है..

No comments:

Post a Comment